सच में आज आत्महत्या से हर कोई त्रस्त है. यह समस्या किसी खास गली-मुहल्ले नहीं, बल्कि हर शहर, हर देश की समस्या बन गयी है. यूं कहें, पूरा विश्व इससे ग्रस्त है. ऐसे में युवा ऑथर स्वाति और फोटोग्राफर सौरभ अनुराज ने Amayra के माध्यम से लोगों को जीवन की कला सीखा रहे हैं. बता रहे हैं कि जीवन कितना महत्वपूर्ण है. #SupportAmayra
Without A Goodbye…
बालिका वधू प्रत्यूषा बनर्जी, फिल्म एक्ट्रेस िजया खान, तेलगु हीरो उदय िकरण कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्होंने हाल में सुसाइड कर लिया था. इतना ही नहीं, पत्नी से झगड़ा हुआ तो पति ने जहर खा लिया, पापा ने डांटा तो बेटी ने घर में फांसी लगा ली, पति ने भला-बुरा कहा तो पत्नी ने नदी में छलांग लगा दी… ये घटनाएं भी आम हो गयी हैं. कभी किसी बड़े सितारे की आत्महत्या की खबर, तो कभी किसी छात्र के फांसी लगा लेने का मामला सामने आता है. खबरों में घटनाएं आती हैं, फिर जेहन से निकल भी जाती हैं. इंगलिश नोबेल Without A Goodbye की लेखिका स्वाति के लिए भी अक्तूबर 2013 तक इस तरह की घटनाएं महज खबर ही थीं. उन्होंने इससे कभी नहीं सोची था कि ऐसा दुखद वाकया उनके घर में भी हो सकता है. इस घटना ने स्वाति की पूरी जिंदगी बदल दी.
ओ मां… ये तूने क्या कर दिया
तीन साल पहले की बात है. 2013 का अक्तूबर माह था. अचानक एक सुबह उनकी मां ने आत्महत्या कर ली. कुछ पल में वह पूरी तरह बिखर गयी. उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया. उस पल उसे ऐसा लगने लगा कि उसकी जिंदगी में शायद अब कुछ बचा ही नहीं. तब कई रात स्वाति सिर्फ इस सोच में नहीं सोयी कि कैसे वह अपनी मां को बचा सकती थी. मां की घटना ने उसे झकझोर कर रख दिया. बस उनके दिमाग में यही कौंध रहा था कि उनकी मां की तरह कोई दूसरा आत्महत्या नहीं करे.
Amayra : The Essence Of Life
आत्महत्या पर ढेरों रिसर्च करने के बाद स्वाति ने पटना के एक मशहूर फैशन फोटोग्राफर सौरभ अनुराज के साथ मिल कर फोटो मैगजीन पर काम करना शुरू किया. Amayra आयी जीवन में. वैसे लोगों के जीवन में सवेरा लेकर, जो फ्रस्टेटेड होकर खुद को असहाय मान लिया और जीवन को नीरस. Amayra कहती है कि जीवन कहीं से भी नीरस नहीं है. इसमें तो खुशियों का हर रस छिपा है, बस इसके लिए उन्हें अपने अंदर झांकने की जरूरत है. बस लोग सिर्फ जीने की कला सीख लें.. Art of Life को जान लें. Amayra : The Essence Of Life में जीवन के महत्व को बताया गया है. इसमें Amayra के माध्यम से लोगों को जगाने का काम किया गया है. वहीं सौरभ अनुराज की फोटोग्राफी ने इसे एक नया आयाम दिया है. यूं कहें कि तसवीरों के माध्यम से Amayra ने जीवन के सुनहरे पलों के ताने-बाने को इतनी बारीकी से बुना है कि लोग बार-बार मानव के रूप में जन्म लेना चाहेंगे.
क्या कहती हैं स्वाति
बकौल स्वाति, मैं खुद एक Surviver हूं. मैं जिंदगी के हर एक पल के वैल्यू को समझती हूं. यह हमें जीवन भर का दुख रहेगा कि मैं अपनी मां को नहीं बचा सका, लेकिन वहीं से हमें यह प्रेरणा मिली कि अब कोई दूसरा मां की तरह आत्महत्या नहीं करे. मैं इसे अपनी जिंदगी का लक्ष्य मानती हूं. स्वाति कहती हैं कि इस नोबेल के माध्यम से वैसे लोगों का जीवन बचाना चाहती हूं, जो छोटे-छोटे कारणों से निराश हो जाते हैं.
क्या कहते हैं सौरभ
सौरभ अनुराज कहते हैं कि आज के समय में आत्महत्या एक गहन समस्या बन चुकी है. यहां तक कि छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी सुसाइड कर रहे हैं. ऐसी खबरों से अखबार भरे रहते हैं. फिर यह किसी खास शहर की नहीं, बल्कि पूरे वर्ल्ड की यह समस्या है. ऐसे में लोगों को आत्महत्या के खिलाफ जागरूक करने में यह फोटो मैगजीन सफल साबित होगी. हमें उम्मीद है कि लोगों को यह पहल पसंद आयेगी और इससे सार्थक परिणाम मिलेगा.
अब आइए… देखते हैं WHO को
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन ने भी किताब की काफी तारीफ की है और कहा है कि यह किताब लोगों के लिए बहुत मददगार साबित होगी. गौरतलब है कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन को WHO का समर्थन प्राप्त है. यह संगठन आत्महत्या को रोकने के लिए काम करती है. WHO के आंकड़े को देखते हैं, तो पाते हैं कि विश्व में हर वर्ष आठ लाख लोग आत्महत्या करते हैं. यानी हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति मौत को गले लगा लेता है. आंकड़ों के अनुसार भारत में हर तीन सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या की कोशिश करता है. इसमें हर उम्र के लोग शामिल हैं, लेकिन आत्महत्या करनेवालों में सबसे ज्यादा 44 प्लस वाले हैं. इनकी संख्या लगभग 71 प्रतिशत है. वहीं 15 से 29 वर्ष के लोगों की संख्या लगभग 38 प्रतिशत है.
आओ मदद करें, अभियान को आगे बढ़ाएं
आत्महत्या के खिलाफ स्वाति और सौरभ की इस जंग में सबसे बड़ी समस्या फंडिंग की है. स्वाति बताती है कि अब तक शुभचिंतकों व बंधु-बांधवों के सहयोग से फंड जुटा कर इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन यह नाकाफी है. इसमें औरों के भी सहयोग की जरूरत है. इसके लिए #SupportAmayra को भी टैग कर फेसबुक और ट्विटर पर मुहिम चलाया जा रहा है. उन्होंने अपील की है कि जो भी लोग सहयोग करना चाहते हैं वे इस लिंक के माध्यम से सहयोग कर सकते हैं, ताकि इस अभियान को और अधिक गति दिया जा सके.